अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इस अनुष्ठान में PM नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। PM ने इससे पहले 11 दिन का उपवास रखा है। 11 दिनों का यह उपवास स्वयं को शुद्ध करने की एक प्रक्रिया है। इस दौरान वह खास दिनचर्या अपनाएंगे। साथ ही, खानपान में पुरानी ‘सात्विक भोजन’ शैली का पालन करेंगे।
सात्विक भोजन शैली क्या होती है? इस दौरान क्या-क्या खा पी सकते हैं? यह हमारे शरीर के लिए कितना फायदेमंद होता है। आज के सेहतनामा में इसे विस्तार से जानेंगे।
सात्विक भोजन का सबसे पहले जिक्र मिलता है छांदोग्य उपनिषद में। इसमें बताया गया है कि सात्विक भोजन करने से हमारा मन और चित्त नवीन एवं शुद्ध ऊर्जा महसूस करता है। जबकि भगवद्गीता के अनुसार- सात्विक भोजन से जीवन में शुद्धता, मजबूती, स्वास्थ्य, खुशी और उत्साह की अनुभूति होती है।
क्या होती है सात्विक भोजन शैली?
हमारी संस्कृति में तीन तरह की भोजन शैलियां बताई गई हैं। सात्विक, राजसिक और तामसिक। राजसिक भोजन का संबंध राजघरानों में बनने वाले भोजन से है। इसमें मसालेदार भोजन शामिल होते हैं। तामसिक में प्याज, लहसुन, मांस और शराब वगैरह शामिल होते हैं। वहीं, सात्विक भोजन में फल-फूल सब्जियां खाई जाती हैं, जिन्हें ज्यादा से ज्यादा सिर्फ उबालकर खाया जा सकता है।
आयुर्वेद में सात्विक भोजन के कई महत्व बताए गए हैं। इसके अनुसार सात्विक भोजन शैली को अपनाने वाले शख्स में ऊर्जा, खुशी, शांति के अलावा मानसिक स्पष्टता देखने को मिलती है।